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Wednesday, January 18, 2017

तत्व वास्तु - पूर्व दिशा के दोष के परिणाम

तत्व वास्तु - पूर्व दिशा के दोष के परिणाम

।।जय माता दी।।

जिन घरों के पूर्व दिशा में वास्तु दोष रहता है वंहा जोश और उत्साह की जबरदस्त कमी रहती है, पिता से मतभेद, मुखिया से मतभेद, उच्च अधिकारियों से मतभेद, जोश की कमी, निरुत्साही, डरपोक होता है, आँखों की परेशानिया, सर दर्द और सर के रोगों से परेशानिया, रीड की हड्डी के रोग, अफारा, आलसी होते है, सुस्त होते है, सरकारी काम काज में परेशांनी, बदनाम होना, यश की कमी, मेहनत करने से कतराते है, विदेश योग में बाधा डालते है, विदेश में परेशानिया, राजनीतिक बाधा और रुकावट, वात और कफ के रोग, पढाई में परेशांनी, मन में एक प्रकार का डर बना रहता है, आत्म विश्वास की कमी, जातक के पुरुषार्थ और कर्म फल में कमी करता है,  इसके अलावा बहुत सी परेशानिया है जो जातक को और जातक के परिवार को परेशान कर सकती है।

पूर्व दिशा में दोष होने से जातक को ऊपर लिखित कोई न कोई परेशानी लगातार बनी रहती है।

Saturday, January 14, 2017

तत्व वास्तु - पूर्व दिशा के दोष

तत्व वास्तु - पूर्व दिशा के दोष

।।जय माता दी।।

निन्मलिखित दोष होने से पूर्व दिशा में दोष होंगे और जातक को और जातक को परेशान करेगा।

01. पूर्व दिशा में शौचालय होने से।
02. पूर्व दिशा में स्नान घर होने से ।
03. पूर्व दिशा में सीढ़ियां हीने से।
04. पूर्व दिशा में गंदगी होने से ।
05. पूर्व दिशा में ऊँचा होने से ।
06. पूर्व दिशा भारी होने से ।
07. पूर्व दिशा में पानी की टंकी होने से ।
08. पूर्व दिशा में तत्व के विरुद्ध पेड़ पौधे लगे हो ।
09. पूर्व दिशा में तत्व के विरुद्ध सजावटी सामान रखा हो ।
10. पूर्व दिशा में आसमानी रंग करवाया हो ।
11. ढलान पूर्व से पश्चिम या दक्षिण की तरफ हो ।
12. पूर्व दिशा कटा हुआ हो .
13. पूर्व दिशा में कूड़ा दान और जूत्ते चप्पल रखे हो ।
14. पूर्व दिशा में घर का कबाड़ पढ़ा हो।
15. पूर्व दिशा में सेफ्टिक टैंक बना हो ।
16. पूर्व दिशा में तत्व के विरुद्ध देवी देवताओं की फोटो या मंदिर बना हो ।
17. पूर्व दिशा में झुटे बर्तन रखे जाते हो या धोये जाते हो ।
18. पूर्व दिशा में कीचड़ या गंदगी रहती हो ।

ऊपर लिखित किसी भी दोष के होने से जातक को और जातक के परिवार को पूर्व दिशा के दोष से होने वाली परेशानियों को सहन करना पड़ेगा ।

।।जय माता दी।।

Friday, January 13, 2017

तत्व वास्तु - ईशान कोण के दोष के परिणाम

तत्व वास्तु - ईशान कोण

।।जय माता दी।।

जिन घरों में ईशान कोण में दोष होता है उन घरों में परेशानियों का राज होता है, परिवार में कोई के कोई परेशानिया चलती रहती है, भाई भाई में मन मुटाव, पिता पुत्र में मतभेद, धर्म के प्रति आस्था का बहुत कम होना, अंधविश्वासी बनाता है, कितनी भी मेहनत कर लो बरकत नहीं होती, पुत्र संतान को भी कुछ न कुछ परेशानिया लगातार बनी रहती है, पुत्र को भी लगातार संघर्ष देता है, आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ता है और दोष अगर बहुत पुराना और भयंकर हो तो वंश की बरकत भी रोक देता है, साधु संतों को न मानना और उनका अपमान करना, गुस्सा बहुत ज्यादा देता है, पढाई में परेशानिया देता है, बिना वजहों के कामो में खूब पंचायती करवाता है, लोग इस्तेमाल करके भूल जाते है, वातपित के रोग देता है, आकर्षण कम हो जाता है मतलब किसी भी इंसान से बना सम्बन्ध बहुत ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल पाता है, मानसिक अस्थिरता, जीवन में अस्थिरता देता है, समाज और सामाजिकता में भी रूचि बहुत कम करता है, इसके अलावा भी बहुत सी छोटी बड़ी परेशानिया देता है।

Thursday, January 12, 2017

तत्व वास्तु - ईशान कोण के दोष

तत्व वास्तु - ईशान कोण के दोष

।।जय माता दी।।

घर के ईशान में निन्मलिखित दोष होने से घर का ईशान कोण दूषित होता है।

01. ईशान कोण में शौचालय होने से ।
02. ईशान कोण में सीढ़ियां होने से ।
03. ईशान कोण में छत पे पानी की टंकी होने से ।
04. ईशान कोण में गंदगी होने से ।
05. ईशान कोण ऊपर होने से ।
06. ईशान कोण भारी होने से ।
07. ईशान कोण में अत्यधिक अग्नि होने से ।
08. ईशान कोण में विरुद्ध तत्व के पेड़ पौधे लगे होने से ।
09. ईशान कोण में सेफ्टिक टैंक होने से ।
10. ईशान कोण कटा हुआ होने से ।
11. ईशान कोण में काला, नीला, हरा, और लाल रंग करवाने से ।
12. ईशान कोण में विरुद्ध तत्व के साज- सामान(Decorative items) लगाने से ।
13. ईशान कोण में कूड़ा दान और जुत्ते चप्पल रखने से ।
14. ईशान कोण में कबाड़ रखने से ।
15. ईशान कोण में शराब और नशीला सामान रखने से ।
16. ईशान कोण में झूठे बर्तन रखने और धोने से ।

ऊपर लिखे दोष होने से जातक को ईशान कोण से होने वाली सारी परेशानियों से परेशान होना पढ़ सकता है।

।।जय माता दी।।

Tuesday, January 10, 2017

तत्व वास्तु - वास्तु दोष के परिणाम

वास्तु दोष के परिणाम

।।जय माता दी।।

किसी घर में अगर वास्तु का दोष है तो वो लगभग घर के सभी सदस्यों को परेशान करता है ये परेशांनी बड़े से छोटे के कर्म में चलती है जैसे घर के सबसे बड़े को सबसे ज्यादा परेशान करेगी और उसी क्रम में चलते छोटो को कम परेशान करती है मतलब सबसे बड़ा सबसे ज्यादा परेशान और सबसे छोटा सबसे कम परेशान।

इसके अलावा वास्तु की परेशानी का सम्बन्ध जातक के ग्रहो से और ग्रहों के गोचर से भी रहता है तभी एक ही दोष किसी समय बहुत ज्यादा और किसी समय कम परेशान करता है और उसके अलावा एक ही जैसे बने मकानों में भी किसी को कम और किसी को ज्यादा परेशान करता है तो इसका कारण भी जातक के गृह और ग्रहों का गोचर है।

।।जय माता दी।।

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Friday, September 2, 2016

जल ही अमृत है

।।जय माता दी।।

वेदों में बार बार जल की अमृत बताया गया, जल को जीवनदायिनी कहा गया है और जल का गुणगान और महिमामंडन किया गया है।

आईये जानने की कोशिस करते है की जल को अमृत क्यों बताया गया है।

जल पिने के साथ ही वो आमाशय में जाता है वंहा जो भी कुछ रहता है उसकी सफाई कर अपने साथ आगे छोटी आंत में ले जाता है और छोटी आंत को साफ़ करते करते जो कचरा है, जो बेकार है वो बड़ी आंत में जा कर मल के साथ बहार निकल जाता है,

और बड़ी आंत में जाने से पहले जो रस होता है वो छोटी आंत से खून में मिल जाता है और खून में मिल कर सबसे पहले यकृत (लिवर) में जाता है और वंहा से गुर्दा (किडनी) में जाता है और किडनी से जो कचरा है, जो भी बचता है वो मूत्र मार्ग से शरीर से बहार निकल जाता है।

शरीर से बहार निकलने से पहले कितने काम करता है जल आईये देखते है,

खून में मिलने के साथ ही खून को पतला करता है खून में मिलकर यकृत (लिवर) में जाता है और वंहा पे जो अच्छा होता है वो वंहा पे छोड़ देता है और कचरा अपने साथ ले लेता है वंहा से आगे चल कर वो किडनी में जाता है वंहा पे जो अच्छा रहता है वो वंहा छोड़ देता है और कचरा अपने साथ ले लेता है और शरीर से बहार निकाल देता है।

खून, यकृत और किडनी सिर्फ जल को पिते रेहने से साफ़ होते रहते है और तरल रहते है और सिर्फ खून और ये दोनों अंग साफ़ रेहने से ही शरीर में सेकड़ो बीमारियो को दूर कर देता है और जीवन दायीं शक्तियो को बड़ा देता है।

इसलिए वेदों में जल को अमृत कहा गया है जीवनदायी कहा गया है।

जल पिए और स्वस्थ रहे।

।।जय माता दी।।